आज पिछले १५ दिनों से मुम्बई का मौसम इंसान को थका और पका देने वाला रहा है। सर्द गर्म के इस उतार चढाव ने इंसानी शरीर पर इतने घातक प्रभाव डाले हैं कि हर तीसरा व्यक्ति खांसता-छींकता नज़र आ रहा है। वायरल बुखार ने हर चौथे इंसान को जकडा हुआ है। कुल-मिला कर हालत पतली है। अब आप ये सोच रहे होंगे कि मुझे इससे क्या सरोकार ? पर मित्रों आज बीमारी के चलते ही मैं फ्री हुआ और नेट पर टाईम पास करते हुए अपना ब्लॉग शुरू करा पाया और आपसे मुखातिब हो पाया।
खैर अपने बारे में जानकारी दूँ । मुम्बई माया नगरी में फ़िल्म निर्माण क्षेत्र में निर्देशक के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए पिछले कई वर्षों से कार्यरत हूँ। इस फ़िल्म उधोग की हर विधा जैसे धारावाहिक, वृत्तचित्र , लघु फिल्म्स, विज्ञापन फिल्म्स का निर्देशन मैं कर चुका हूँ पिछले ८ सालों में... बस अब इंतज़ार है तो सिर्फ़ एक फ़िल्म का... शेष अगली बार ...
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